Indian Cricket:मोर्ने मोर्कल का नाम विश्व क्रिकेट में हमेशा से ही तेज गेंदबाजी के पर्याय के रूप में देखा जाता रहा है। अब यह दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज भारतीय क्रिकेट टीम के नए गेंदबाजी कोच के रूप में अपना योगदान देने जा रहा है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इस महत्वपूर्ण घोषणा की, जिससे यह साफ हो गया कि मोर्कल का भारतीय टीम के साथ लंबा सफर शुरू होने वाला है। उनका कार्यकाल 1 सितंबर से शुरू हो रहा है और उनकी पहली जिम्मेदारी बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में देखने को मिलेगी।
(Morne Morkel) मोर्ने मोर्कल को इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए 2027 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने वाले वनडे विश्व कप तक के लिए नियुक्त किया गया है। यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब टीम इंडिया को गेंदबाजी में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की उम्मीद है। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने पीटीआई से बात करते हुए मोर्कल की नियुक्ति की पुष्टि की और यह भी बताया कि वह बेंगलुरु की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में अगले महीने की शुरुआत में रिपोर्ट करेंगे। इस दौरान वह दलीप ट्रॉफी के मैचों का भी अवलोकन करेंगे और वहीं वीवीएस लक्ष्मण और एनसीए के गेंदबाजी प्रमुख ट्रॉय कूली से मुलाकात करेंगे।
मोर्कल का क्रिकेट करियर शानदार रहा है, जिसमें उन्होंने 86 टेस्ट, 117 वनडे और 44 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। इन मैचों में उन्होंने क्रमशः 309, 188 और 47 विकेट हासिल किए। उनके साथी गेंदबाज डेल स्टेन और वर्नोन फिलेंडर के साथ मिलकर मोर्कल ने एक ऐसा गेंदबाजी आक्रमण बनाया, जिसने(World Cricket) विश्व क्रिकेट में आतंक मचा दिया। चाहे टेस्ट हो, वनडे हो या टी20, उनकी तेज़ गेंदबाजी का जादू हर फॉर्मेट में देखने को मिला।
33 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, मोर्कल ने कोचिंग की दुनिया में कदम रखा। उनका पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय कोचिंग असाइनमेंट पाकिस्तान टीम का गेंदबाजी कोच बनना था। पाकिस्तान के लिए यह एक शानदार अवसर था क्योंकि उन्होंने शाहीन शाह अफरीदी, हारिस रऊफ और नसीम शाह जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाजों के साथ काम किया। 2023 वनडे विश्व कप की तैयारी के दौरान मोर्कल ने अपने अनुभव का भरपूर उपयोग किया, हालांकि पाकिस्तान के लिए यह टूर्नामेंट अच्छा नहीं रहा और मोर्कल ने आगे न बढ़ने का फैसला किया।
मोर्कल और भारत के वर्तमान मुख्य कोच(Gautam Gambhir) गौतम गंभीर का रिश्ता भी काफी पुराना है। दोनों ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए तीन सीजन एक साथ बिताए हैं, जहां गंभीर कप्तान थे और मोर्कल प्रमुख तेज गेंदबाज। इसके अलावा, लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) में भी दोनों का साथ रहा, जहां गंभीर मेंटर की भूमिका में थे और मोर्कल ने गेंदबाजी कोच की भूमिका निभाई। यह साझेदारी भारतीय टीम के लिए एक मजबूत कोचिंग स्टाफ का निर्माण करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
भारतीय टीम के साथ मोर्कल की यह नई यात्रा चुनौतीपूर्ण तो होगी ही, लेकिन उनके पास अपनी नई भूमिका के लिए पर्याप्त अनुभव है। उनके कोचिंग स्टाफ में सहायक कोच अभिषेक नायर, रेयान टेन डोशेट और फील्डिंग कोच टी दिलीप भी शामिल होंगे। ये तीनों स्टाफ सदस्य हाल ही में श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के साथ थे, जबकि मोर्कल ऑस्ट्रेलिया में अपने परिवार के साथ थे, इसीलिए वह अंतिम चर्चाओं में हिस्सा नहीं ले पाए थे।
(Morne Morkel)मोर्ने मोर्कल अब इस भूमिका में भारत के पूर्व तेज गेंदबाज पारस महाम्ब्रे की जगह लेंगे, जिन्होंने मुख्य कोच राहुल द्रविड़(Rahul Dravid) के साथ मिलकर भारतीय गेंदबाजी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। महाम्ब्रे के कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम ने टी20 विश्व कप भी जीता, जिससे उनकी कोचिंग की सफलता को लेकर कोई संदेह नहीं है।
बीसीसीआई(BCCI) की ओर से मोर्कल की नियुक्ति को लेकर आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है, लेकिन माना जा रहा है कि वह घरेलू सत्र के दौरान अपनी नई जिम्मेदारियों का पालन शुरू कर देंगे। इस दौरान भारत का सामना बांग्लादेश और न्यूजीलैंड जैसी टीमों से होगा। हालांकि, मोर्कल के लिए असली चुनौती ऑस्ट्रेलिया का दौरा होगा, जो दिसंबर और जनवरी में होने वाला है। पिछले दो दौरों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती है, और अब वे एक और जीत की हैट्रिक बनाना चाहेंगे।
इस नियुक्ति से भारतीय क्रिकेट को न केवल एक मजबूत गेंदबाजी कोच मिलेगा, बल्कि मोर्कल का अनुभव भी टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदें इस नई शुरुआत से काफी ऊंची हैं और मोर्कल के नेतृत्व में भारतीय गेंदबाजी को नए आयाम मिल सकते हैं।