Australia vs England 4th Odi क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले ( Lords) लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड ने एक जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को हराकर सीरीज को 2-2 की बराबरी पर ला दिया। बारिश से प्रभावित इस मैच में दर्शकों को रोमांचक क्षणों की कमी नहीं हुई, क्योंकि इंग्लैंड ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस जीत ने इंग्लैंड की टीम के आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया और साबित कर दिया कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
लॉर्ड्स में बारिश ने मैच के प्रारंभिक चरण को थोड़ा प्रभावित किया, जिससे खेल की अवधि में कटौती करनी पड़ी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया, लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने मौसम की अनिश्चितता के बावजूद संयम और आक्रामकता के साथ खेलते हुए दर्शकों का मन मोह लिया। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शुरुआत में कसी हुई गेंदबाजी की, जिससे इंग्लैंड के ओपनर्स को रन बटोरने में कठिनाई हुई। हालांकि, धैर्य और समझदारी के साथ खेलते हुए उन्होंने टीम को एक मजबूत शुरुआत दी।
इंग्लैंड की पारी में सबसे निर्णायक मोड़ तब आया जब बेन डकेट और कप्तान हैरी ब्रुक ने तीसरे विकेट के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी की। दोनों बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ संयम और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन बनाए रखा और इंग्लैंड की पारी को स्थिरता प्रदान की। ब्रुक की बल्लेबाजी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जिन्होंने केवल 58 गेंदों में 87 रनों की तेज-तर्रार पारी खेली। उनकी इस आक्रामक पारी ने इंग्लैंड को एक बड़े स्कोर की ओर अग्रसर किया और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को बैकफुट पर धकेल दिया।
जब ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड की पारी धीमी पड़ सकती है, तभी लियाम लिविंगस्टोन ने आखिरी ओवरों में आकर खेल का रुख ही बदल दिया। मिचेल स्टार्क के आखिरी ओवर में लिविंगस्टोन ने 6, 0, 6, 6, 6, 4 रन बनाकर इंग्लैंड के स्कोर को 300 के पार पहुंचा दिया। उनकी इस ताबड़तोड़ पारी ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया और इंग्लैंड को एक ऐसा स्कोर प्रदान किया जो किसी भी टीम के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता था।
ऑस्ट्रेलिया के सामने 313 रनों का लक्ष्य था, जो किसी भी टीम के लिए एक कठिन चुनौती होती है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के ओपनर्स ने आक्रामक शुरुआत करते हुए पावरप्ले में बिना विकेट गंवाए 66 रन बना लिए थे। ऐसा लग रहा था कि वे इस बड़े लक्ष्य का पीछा कर सकते हैं, लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने धैर्य और रणनीति के साथ खेल को अपने पक्ष में कर लिया।
इंग्लैंड के गेंदबाजों में सबसे पहले कार्स ने ट्रेविस हेड को क्लीन बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को पहला बड़ा झटका दिया। इसके बाद, स्टीव स्मिथ ने जरूरत से ज्यादा आक्रामकता दिखाने की कोशिश में अपना विकेट गंवा दिया, जिससे ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदें धूमिल हो गईं। जोफ्रा आर्चर ने अपनी तेज गेंदबाजी से मिचेल मार्श का विकेट लिया, जिससे ऑस्ट्रेलिया की पारी पूरी तरह से बिखर गई, और ऑस्ट्रेलिया मात्र 126 रन पर ऑल आउट हो गई। इस तरह इंग्लैंड के गेंदबाजों ने मैच पर अपना कब्जा जमा लिया और ऑस्ट्रेलिया को हार का स्वाद चखाया।
इंग्लैंड की इस जीत ने सीरीज को 2-2 की बराबरी पर ला दिया है, जिससे अंतिम मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है। अब सभी की निगाहें इस निर्णायक मुकाबले पर होंगी, जहां इंग्लैंड अपनी इस फॉर्म को जारी रखना चाहेगा और ऑस्ट्रेलिया अपनी खोई हुई बढ़त को वापस पाने के लिए पूरा जोर लगाएगा। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह अंतिम मुकाबला निश्चित रूप से यादगार होने वाला है, जहां तय होगा कि सीरीज का विजेता कौन बनेगा।