Uttarakhand Roadways rape case:देहरादून शहर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है। यह शर्मनाक वारदात 12 और 13 अगस्त की रात को देहरादून के अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) में हुई। बताया जा रहा है कि यह नाबालिग लड़की दिल्ली से उत्तराखंड रोडवेज की बस के ज़रिए देहरादून पहुंची थी। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए इस जघन्य अपराध में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में तीन बस चालक, एक कंडक्टर और एक कैशियर शामिल हैं। यह हादसा तब हुआ जब लड़की अपने घर से भागकर पंजाब जाने की कोशिश कर रही थी।
इस घटना का खुलासा तब हुआ जब लड़की ने खुद पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, वह पंजाब जाने की योजना बना रही थी और इसी दौरान उसकी मुलाकात दिल्ली के कश्मीरी गेट बस स्टेशन पर एक आरोपी से हुई। उस व्यक्ति ने उसे पंजाब जाने वाली बस की जानकारी देने का वादा किया और फिर उसे यह कहकर देहरादून ले आया कि वह उसे वहां से पंजाब पहुंचाने में मदद करेगा। लड़की ने उस पर भरोसा किया और उसके साथ बस में बैठ गई। मगर जब बस uttarakhand roadways देहरादून पहुंची और अन्य सभी यात्री बस से उतर गए, तब उस चालक और बस के अन्य कर्मचारियों ने मिलकर उस लड़की के साथ घिनौना अपराध किया।
पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान धर्मेंद्र कुमार (32), देवेंद्र (52), रवि कुमार (34), राजपाल (57) और राजेश कुमार सोनकर (38) के रूप में हुई है। पुलिस ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 70(2) और पॉक्सो एक्ट की धारा 5G/6 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
इस शर्मनाक घटना के बाद लड़की की मेडिकल जांच की गई है, और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि इस घटना की गहन जांच के लिए जिस बस में यह अपराध हुआ था, उसे और एक अन्य बस को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) भेज दिया गया है। पुलिस द्वारा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल सूचित किया गया और इस पर कड़ी कार्रवाई की गई।
एसएसपी देहरादून, अजय सिंह ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान लड़की ने अपने बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी थी। पुलिस ने बताया कि लड़की मानसिक रूप से अस्थिर दिखाई दे रही थी और वह खुद को बार-बार मुरादाबाद, दिल्ली और पटियाला के बीच घूमते हुए बता रही थी। उसने अपने परिवार के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी। 16 अगस्त को काउंसलिंग के दौरान लड़की ने खुलासा किया कि वह मुरादाबाद की रहने वाली है और वहां से भागकर दिल्ली पहुंची थी। दिल्ली से वह देहरादून आई, जहां यह दर्दनाक घटना घटी।
लड़की की मानसिक और शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को इस मामले की जानकारी दी और उसे तुरंत संरक्षण में ले लिया गया। सीडब्ल्यूसी की पर्यवेक्षक सरोजिनी ने बताया कि 13 अगस्त की सुबह करीब 2:00 से 2:30 बजे के बीच लड़की को बस टर्मिनल पर अस्त-व्यस्त हालत में पाया गया। उस समय वह मानसिक रूप से अस्थिर लग रही थी। उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट या रक्तस्राव नहीं दिखा, लेकिन आंतरिक चोटों की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। लड़की को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई और उसे कल्याण केंद्र भेज दिया गया।
पुलिस ने आगे बताया कि घटना स्थल को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है, लेकिन लड़की ने बताया कि पाँच लोगों ने बारी-बारी से उसके साथ बस के अंदर बलात्कार किया। इस मामले में मुख्य आरोपी भगवानपुर का रहने वाला एक बस ड्राइवर है, जिसने लड़की को दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे पर देखा और उसे धोखे से बस में बैठाकर देहरादून ले आया। इसके बाद उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया।
इस घटना ने समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल देने में कहाँ विफल हो रहे हैं। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर ठोस और प्रभावी कदम उठाने होंगे। बच्चों की सुरक्षा केवल पुलिस और कानून का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी भी है।