दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में बदलाव की तैयारी! डीडीए ने बनाई नई योजना
दिल्ली की कई झुग्गी बस्तियों के हालात जल्द बदल सकते हैं। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए एक नई योजना बनाई है। इस योजना के तहत, दिल्ली की 19 झुग्गी बस्तियों को विकसित करने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट की पूरी समीक्षा करने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है, जो कुछ ही महीनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
दिल्ली सरकार और डीडीए मिलकर झुग्गी बस्तियों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस योजना के तहत झुग्गीवासियों को नए और सुरक्षित घर देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए डीडीए ने अर्नेस्ट एंड यंग नाम की एक कंपनी को एडवाइजर नियुक्त किया है, जो कम से कम 10 पुनर्वास परियोजनाओं का अध्ययन करेगी।
इस योजना के तहत अशोक विहार इलाके में नए फ्लैट बनाए जा रहे हैं, जहां झुग्गीवासियों को शिफ्ट किया जाएगा। दिल्ली के अन्य कई इलाकों में भी इसी तरह की योजना बनाई गई है।
किन इलाकों में होगा बदलाव?
डीडीए के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में स्थित 19 झुग्गी बस्तियों को शामिल किया गया है। इनमें लगभग 26500 परिवार रहते हैं, जिनके पुनर्वास की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
फिलहाल, दिलशाद गार्डन, कालकाजी, शालीमार बाग और पीतमपुरा में इस योजना को प्राथमिकता दी जा रही है। इन तीन इलाकों में 10,500 से अधिक घरों का निर्माण किया जाएगा।
दिल्ली में झुग्गी बस्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे शहर में रहने की स्थिति खराब हो रही है। इन बस्तियों में न तो साफ-सफाई की उचित व्यवस्था है और न ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- पुनर्वास योजना से झुग्गीवासियों को बेहतर जीवन मिलेगा।
- नई बस्तियों में स्वच्छता और सुरक्षा की अच्छी व्यवस्था होगी।
- झुग्गियों की जगह पर बेहतर योजनाओं को लागू किया जा सकेगा।
योजना की प्रमुख बातें
- दिल्ली में कुल 675 झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें से 350 बस्तियां डीडीए की जमीन पर बनी हैं।
- डीडीए का लक्ष्य है कि 100 प्रतिशत लाभार्थियों को उन्हीं इलाकों में समायोजित किया जाए।
- दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) की रिपोर्ट के मुताबिक, पुनर्वास के लिए पहले से ही कुछ परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में झुग्गीवासियों का पुनर्वास एक बड़ा मुद्दा रहा है। बीजेपी और अन्य दलों ने इसे अपने एजेंडे में रखा था। चुनाव के बाद, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने झुग्गीवासियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश भी की थी।
पिछले साल नवंबर में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में झुग्गी पुनर्वास नीति में बदलाव की मंजूरी दी गई। डीडीए का कहना है कि इस बदलाव से 100 प्रतिशत लाभार्थियों को उनके ही इलाकों में नए घर उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
डीडीए द्वारा नियुक्त कंपनी अगले कुछ महीनों में इस परियोजना का अध्ययन करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद, सरकार और डीडीए मिलकर इस योजना को तेजी से लागू करेंगे।
इस योजना से हजारों झुग्गीवासियों को एक नया और सुरक्षित घर मिलेगा, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। अब देखना यह है कि सरकार और डीडीए कितनी जल्दी इस योजना को धरातल पर उतार पाते हैं।
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